Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

ऐसा न हो सका

मुझे केवल तुम्हारा सुख नही जानना था।
मुझे तो जाननी थी तुम्हारी पीड़ा भी,
तुम्हारा दुख भी, तुम्हारा दर्द भी।
वो जो तुमने सबसे छुपाकर रखा
अपनी मुस्कान के नीचे।
तुम्हारी शुष्क आँखे
देखती है दिन के सैकड़ों चेहरे,
पर मुझे तो वो चेहरा बनना था
जिसे देखकर उमड़ पड़े
तुम्हारा सारा अवसाद
आँसू बनकर इन आँखों से।
वो कांधा बनना था,
जिसपर बोझ नहीं
टेक सको अपना माथा;
जिसपर मैं अपनी
होंठों की लालिमा चिपका दूँ,
और फिर तुम भूल जाओ
अपनी सारी तकलीफ, चिंता, फिक्र।
पर ऐसा न हो सका,
क्योंकि तुम उलझे रहे
भविष्य की उन परिस्थितियों को सँवारने में
जो कभी नहीं घटित होंगी!
और इन सब मे नज़रंदाज़ कर दिया तुमने
हमारे खूबसूरत आज को!!

Language: Hindi
101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4532.*पूर्णिका*
4532.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
Dr. Man Mohan Krishna
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
Suryakant Dwivedi
हर इश्क में रूह रोता है
हर इश्क में रूह रोता है
Pratibha Pandey
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"कोहरा रूपी कठिनाई"
Yogendra Chaturwedi
इत्र   जैसा  बहुत  महकता  है ,
इत्र जैसा बहुत महकता है ,
Neelofar Khan
ज़िंदगी के रंगों में भरे हुए ये आख़िरी छीटें,
ज़िंदगी के रंगों में भरे हुए ये आख़िरी छीटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
Dr fauzia Naseem shad
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
ख्वाब में देखा जब से
ख्वाब में देखा जब से
Surinder blackpen
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
" चले आना "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*सहायता प्राप्त विद्यालय : हानि और लाभ*
*सहायता प्राप्त विद्यालय : हानि और लाभ*
Ravi Prakash
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Some people are just companions
Some people are just companions
पूर्वार्थ
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
Chunnu Lal Gupta
* बातें व्यर्थ की *
* बातें व्यर्थ की *
surenderpal vaidya
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
#तेवरी-
#तेवरी-
*प्रणय प्रभात*
Loading...