Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2023 · 1 min read

*ऐनक (बाल कविता)*

ऐनक (बाल कविता)

चश्मे को ऐनक कहते हैं
ऑंखों पर ही यह रहते हैं
नजर हुई कमजोर बुलाया
ऑंखों पर चश्मा लगवाया
काले चश्मे बहुत सुहाते
तेज धूप से हमें बचाते

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
"महंगाई"
Slok maurya "umang"
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
Ashish shukla
जीवन छोटा सा कविता
जीवन छोटा सा कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
💐प्रेम कौतुक-165💐
💐प्रेम कौतुक-165💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
कृष्णकांत गुर्जर
खिंचता है मन क्यों
खिंचता है मन क्यों
Shalini Mishra Tiwari
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
Sometimes he looks me
Sometimes he looks me
Sakshi Tripathi
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
"सौन्दर्य"
Dr. Kishan tandon kranti
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उफ़ ये अदा
उफ़ ये अदा
Surinder blackpen
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
गीत शब्द
गीत शब्द
Suryakant Dwivedi
महाप्रलय
महाप्रलय
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अन्न पै दाता की मार
अन्न पै दाता की मार
MSW Sunil SainiCENA
मुझसे मिलने में तुम्हें,
मुझसे मिलने में तुम्हें,
Dr. Man Mohan Krishna
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कर दिया है राम,तुमको बहुत बदनाम
कर दिया है राम,तुमको बहुत बदनाम
gurudeenverma198
3253.*पूर्णिका*
3253.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
Loading...