लोग गर्व से कहते हैं मै मर्द का बच्चा हूँ
तेरे लिखे में आग लगे / © MUSAFIR BAITHA
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
[06/03, 13:44] Dr.Rambali Mishra: *होलिका दहन*
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
वैशाख का महीना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*