Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2023 · 1 min read

जय भगतसिंह

ऐ भगतसिंह
ऐ भगतसिंह
हमने किया यह
तय भगतसिंह…
(१)
किसी धर्म का
जयकारा नहीं,
हम तो करेंगे
जय भगतसिंह…
(२)
हमको विचलित
कर न पाएगा
कोई लालच या
भय भगतसिंह…
(३)
आंधी आए
चाहे भूकंप
हमारा टूटेगा न
लय भगतसिंह…
(४)
इस सत्यानाशी
व्यवस्था का
अब होके रहेगा
क्षय भगतसिंह…
(५)
हुआ करेंगे
ऐसे ही
हमारे गीत क्रांति
मय भगतसिंह…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाब #मजदूर #क्रांतिकारी #विपक्ष
#बगावत #जनवादी #शेखर_चंद्र_मित्रा
#lyricist #bollywood #lyrics
#गीतकार #शायर #कवि #नौजवान

Language: Hindi
Tag: गीत
393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शुगर लेकिन दुखदाई (हास्य कुंडलिया)*
*शुगर लेकिन दुखदाई (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हादसों का बस
हादसों का बस
Dr fauzia Naseem shad
कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब
Rashmi Ratn
it is not about having a bunch of friends
it is not about having a bunch of friends
पूर्वार्थ
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
Never trust people who tells others secret
Never trust people who tells others secret
Md Ziaulla
राम
राम
Suraj Mehra
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
#अनंत_की_यात्रा_पर
#अनंत_की_यात्रा_पर
*Author प्रणय प्रभात*
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
Er. Sanjay Shrivastava
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शृंगारिक अभिलेखन
शृंगारिक अभिलेखन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
Neelam Sharma
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
रिश्तो की कच्ची डोर
रिश्तो की कच्ची डोर
Harminder Kaur
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
संतुलन
संतुलन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
बसुधा ने तिरंगा फहराया ।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...