एहसास
मौसम भी दो तरह
का होता है
बाहर का मौसम
भीतर का मौसम
बाहर का मौसम
यानि –
हवा, पानी, बादल
बरसात, पंछी
और बहुत कुछ
भीतर का मौसम
यानि
भावनाएँ, विचार,
सपने, सोच
और ऐसा ही सब कुछ
मगर एक चीज जो
दोनों को जोड़ती है
वह है एहसास
बिना एहसास के
कोई मौसम खुशी नहीं देता
न बाहर का
न भीतर का
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।