एतबार कर
राही हूँ प्यार का एतबार कर
पंछी हूँ प्यार का एतबार कर
तुम सरिता मैं तेरा साहिल हूँ
बहने नहीं दूंगा एतबार कर
मै पतवार तुम हो तरणी मेरी
किश्ती होगी पार एतबार कर
सागर गहरा, ना तल का पता
डूबने हम ना देंगे एतबार कर
ईश्क खेल है तपते अंगारों सा
जलने तुझे ना देंगे एतबार कर
दीपक हो प्रेम का जगाएंगे हम
लौ बुझने नहीं देंगे एतबार कर
खिलें हैं गुल बगिया में नये नये
महक सूंघ लेंगे हम एतबार कर
चाँद होता है बहुत खूबसूरत सा
दाग लगने नहीं देंगे एतबार कर
तेरा मेरा साथ है जीवन पर्यन्त
छोड़ेंगे ना हम साथ एतबार कर
राहीं हूँ प्यार का एतबार कर
पंछी हूँ प्यार का एतबार कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत