Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2020 · 1 min read

एक ख़्वाब

अगर ख़्वाब ना होते तो, ना होती ये लाचारी
मिलजुल ख़ुशी ख़ुशी से, रहती दुनिया सारी

नहीं कहीं कोई भी, परेशान कहीं पे दिखता
ना ऐसे कोई ख़्वाब सजा, मजदूर पलायन करता

नहीं कभी तानों में, मुझको परदेशी कहता
नहीं होते गर ख़्वाब तो मैं, यह सब काहे सहता

रहता मैं भी बैठा संग, अपनों की महफ़िल में
जैसे बैठे ताक में नेवला, किसी साँप के बिल में

ध्यान लगाकर कुछ यूँ ही मैं, चिन्हित भी हो जाता
इस संसार में सबसे ऊपर, अपना वर्णित नाम कराता

नहीं कोई भी कर पाता, कोई मुझसे कभी गुस्ताख़ी
वरना उसको उस पल ही मैं, ताड़ीपार करवाता

लेकिन शायद इन ख़्वाबों ने, बाँध दिया है मुझको
कहता है ऐ मानुष मेरे, साथ जरा तुम उलझो

देखो तुमको मिलता कितना, है सुख इसी धरा का
मारते हो हक़ दूसरे का तुम, षड्नीति यही कहाता

Language: Hindi
3 Likes · 230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक तुम्हारे होने से...!!
एक तुम्हारे होने से...!!
Kanchan Khanna
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Ujjwal kumar
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
आज हमारा इंडिया
आज हमारा इंडिया
*Author प्रणय प्रभात*
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
डर से अपराधी नहीं,
डर से अपराधी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है
'अशांत' शेखर
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
किसी की लाचारी पर,
किसी की लाचारी पर,
Dr. Man Mohan Krishna
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे
दोहे "हरियाली तीज"
Vaishali Rastogi
स्वास्थ्य बिन्दु - ऊर्जा के हेतु
स्वास्थ्य बिन्दु - ऊर्जा के हेतु
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद के प्रति कुछ कर्तव्य होने चाहिए
ख़ुद के प्रति कुछ कर्तव्य होने चाहिए
Sonam Puneet Dubey
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
शक
शक
Paras Nath Jha
🌲प्रकृति
🌲प्रकृति
Pt. Brajesh Kumar Nayak
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
Loading...