Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2022 · 1 min read

एक तुम्हारे होने से…!!

पवन सुहानी लगती है,
एक तुम्हारे होने से…!!
ऋतु मस्तानी लगती है,
एक तुम्हारे होने से…!!

पुष्प हृदय में खिलते हैं,
एक तुम्हारे होने से…!
चंद मधुर पल मिलते हैं,
एक तुम्हारे होने से…!!

मन में भाव उमड़ते हैं,
एक तुम्हारे होने से…!!
नैनों में सपने पलते हैं,
एक तुम्हारे होने से…!!

हरियाला सावन होता है,
एक तुम्हारे होने से…!!
आनंदित जीवन होता है,
एक तुम्हारे होने से…!!

साथ तुम्हारे जीवन ऐ साथी,
तुम बिन है हर खुशी अधूरी..!!
जीवन का हर पल जीवंत है,
एक तुम्हारे होने से…..!!!!

रचनाकार : कंचन खन्ना
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, ‌सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- २३/०८/२०२२.

Language: Hindi
1 Like · 526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all
You may also like:
Khud ke khalish ko bharne ka
Khud ke khalish ko bharne ka
Sakshi Tripathi
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
हलमुखी छंद
हलमुखी छंद
Neelam Sharma
जिनके मुताबिक मां को
जिनके मुताबिक मां को
*Author प्रणय प्रभात*
हमको मिलते जवाब
हमको मिलते जवाब
Dr fauzia Naseem shad
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
"सदियों का सन्ताप"
Dr. Kishan tandon kranti
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
AVINASH (Avi...) MEHRA
अजनवी
अजनवी
Satish Srijan
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*दादाजी (बाल कविता)*
*दादाजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अखबार
अखबार
लक्ष्मी सिंह
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
आर.एस. 'प्रीतम'
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
subhash Rahat Barelvi
आया होली का त्यौहार
आया होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
Loading...