Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

एक पेड़ की पीड़ा

ख़ुद बख़ुद हूँ उगता रहता,
न किसी से हूँ कुछ माँगता,
ख़ुद से हूँ अपना पेट भरता,
न किसी को हूँ नुक़सान देता,
फिर भी मुझे तुम…
क्यूँ काटते हो?

फल फूल हूँ तुम्हे देता रहता,
थके हारे आओ तो छाया देता,
बीमार हो जाओ तो दवा देता,
प्रकृति का प्यास भी हूँ बुझाता,
फिर भी मुझे तुम…
क्यूँ काटते हो?

तुम्हारे छोड़े साँसों को हूँ लेता,
फिर तुम्हें ऑक्सीजन हूँ देता,
तुम्हारे हर सितम को हूँ सहता,
तुम इंसानों की तरह नहीं रोता,
फिर भी मुझे तुम…
क्यूँ काटते हो?

तुम से भला हैवान है होता,
मेरी पत्तियों से पेट है भरता,
पर हमारी जान नहीं है लेता,
काश इंसान कुछ सीख पाता,
फिर भी मुझे तुम…
क्यूँ काटते हो?

Language: Hindi
19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ahtesham Ahmad
View all
You may also like:
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
'खामोश बहती धाराएं'
'खामोश बहती धाराएं'
Dr MusafiR BaithA
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
Phool gufran
*पेड़ (पाँच दोहे)*
*पेड़ (पाँच दोहे)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
Shweta Soni
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
Ranjeet kumar patre
नेह का दीपक
नेह का दीपक
Arti Bhadauria
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
याद आते हैं
याद आते हैं
Chunnu Lal Gupta
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
सितारे अपने आजकल गर्दिश में चल रहे है
सितारे अपने आजकल गर्दिश में चल रहे है
shabina. Naaz
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
अनुराग
अनुराग
Bodhisatva kastooriya
दोहे- चरित्र
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
का कहीं रहन अपना सास के
का कहीं रहन अपना सास के
नूरफातिमा खातून नूरी
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Dr.Priya Soni Khare
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
🙅भड़ास🙅
🙅भड़ास🙅
*प्रणय प्रभात*
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
Loading...