एक नयी शुरुआत !!
चलो आज एक नयी शुरुआत करते हैं,
किसी भाई बहिन को सीखाने के बजाय,
आज हम उनसे सीखते हैं,
उनके लिए लड़ने के बज़ाय,
उनके साथ आवाज़ उठाते हैं,
आओ आज़ सब मिलकर चलते हैं.
आओ आज़ादी के मायने बदलते हैं,
आओ शहीदों की निग़ाहों से देखते हैं,
चलो किसी मज़दूर का पसीना पोंछते हैं,
चलो किसान के सर पर छावं करते हैं,
आओ आज़ ख़ुदा की ख़ुदाई का मर्म समझते हैं,
चलो एक नयी शुरुआत करते हैं.
©️ रचना ‘मोहिनी’