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4 Apr 2024 · 1 min read

षडयंत्र

षडयंत्रों की इस भूमि पर, कोई नहीं यहां तेरा हैं।
अभिमन्यु बनकर बैठ गए तो, बुरा हाल यहां तेरा हैं।।

यहां लड़ना हैं जीवन भर और समय अनुरूप ही चलना हैं।
कोई नहीं यहां तेरा हैं और कोई नहीं यहां मेरा हैं।।

षड्यंत्र रचेंगे ऐसे ऐसे कि तू तो सोच नहीं सकता।
ऊपर से तो प्यार करेंगे, अंदर क्या हैं ये तो देख नहीं सकते।।

जीवन युद्ध अगर लड़ना हैं तो, अर्जुन तुमको बनना होगा।
अर्जुन तुमको बना हैं तो, केशव तुमको चुनना होगा।।

कालचक्र ने हम दोनों को, यूँही नहीं मिलाया होगा।
मैं तुमको सही मार्ग दिखाऊं, तुमको चलते जाना होगा।।

अर्जुन का तो धर्मयुद्ध था, उसको धर्म निभाना था।
तेरा तो ये कर्मयुद्ध हैं, तुझको कर्म निभाना हैं।।

ना तुझको हैं बुरा ही बनना, ही लड़ते जाना हैं।
समय लगे जब तुझको जैसा, वैसा रंग दिखाना हैं।।

सारथी चुनो चुनौती तेरी, अपना ज्ञान दिखाना हैं।
विश्वास तुम्हारा जहां अडिग हैं, वहां विश्वास दिखाना हैं।।

ललकार सदा ही साथ तुम्हारे, अपना फर्ज निभाएगा।
विश्वास तुम्हारा टूटे ना ये, बस अपना कर्ज निभाएगा।।

ललकार भारद्वाज

Language: Hindi
34 Views
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