“एक दीया”
एक दीया ऐसा जले
जिसमे न कोई नुमाइश हो,
एक दीया ऐसा जले
जिसमें सत्य के लिए
मर-मिटने की ख्वाहिश हो।
डॉ.किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
एक दीया ऐसा जले
जिसमे न कोई नुमाइश हो,
एक दीया ऐसा जले
जिसमें सत्य के लिए
मर-मिटने की ख्वाहिश हो।
डॉ.किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति