एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
कभी हया निगाहों में कभी गुरूर है मुझे।
तुमको लिखूँ हर हर्फ़ में जान-ए-ग़ज़ल बना,
इंतिजार तेरे वस्ल का भी मंजूर है मुझे।
वस्ल-मिलन
नीलम शर्मा ✍️
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
कभी हया निगाहों में कभी गुरूर है मुझे।
तुमको लिखूँ हर हर्फ़ में जान-ए-ग़ज़ल बना,
इंतिजार तेरे वस्ल का भी मंजूर है मुझे।
वस्ल-मिलन
नीलम शर्मा ✍️