Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2024 · 1 min read

*संस्कार*

संस्कार
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे आज्ञाकारी हों माता पिता का सम्मान करने वाले हों… तो आपको भी अपने माता-पिता की आज्ञाकारी संतान बनकर आदर्श प्रस्तुत करना होगा…. यदि आप अपने माता-पिता सास-ससुर के साथ नहीं रहते हैं, उनकी बुराई करते हैं, उसको बोझ समझते हैं, तो यही संस्कार आपके बच्चों में अपने आप आ जायेंगे, छुटपन में बच्चों को भले ही अपने मनमाफिक चला लो , लेकिन अपनी उमर में आते ही बच्चे वही करेंगे जो आपने अपने बड़ों के साथ किया है..वो भी आपसे अलग रहकर ही अपनी दुनियाँ बसायेंगे ।सौ में से एक अपवाद स्वरूप औलाद होती है जो माता पिता के नक्शे कदम पर नहीं चलती है बाकी 99% माता पिता की सूरत और सीरत दोनों ही औलाद में दिखती है । अच्छी आदतें भले न आएं बुरी आदतें बहुत जल्दी बच्चे पकड़ते हैं। ये व्यवहारिक सत्य है आप ट्रायल करके देख सकते हो अपने जीवन में , जो आपने अपने माता-पिता के साथ व्यवहार किया है उस व्यवहार की झलक अपने बच्चों में आपको मिलती होगी ।
रहन-सहन, खान-पान और जीवनशैली आप जैसी भले न हो लेकिन विचार और भावनाएं आपके जैसे ही बच्चे में आ जातीं हैं ,हाँ प्रतिशत कम ज्यादा हो सकता है । लेकिन आपके जैसा कुछ भी न हो ऐसा नहीं होता। यही आनुवंशिक लक्षण भी संस्कार कहलाते हैं जिन पर जमाने की हवा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । इसलिए कहा जाता है कि स्वयं अच्छे बनो बच्चों को अच्छे संस्कार दो ।
✍️प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश भारत
( 19 सितंबर 2024 )

104 Views

You may also like these posts

कृषक समाज
कृषक समाज
Rambali Mishra
खुशी ( Happiness)
खुशी ( Happiness)
Ashu Sharma
ए मौत आ आज रात
ए मौत आ आज रात
Ashwini sharma
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
सुबह का मंजर
सुबह का मंजर
Chitra Bisht
लहर
लहर
Juhi Grover
श्यामा मेरे...
श्यामा मेरे...
meenu yadav
21वीं सदी की लड़की।
21वीं सदी की लड़की।
Priya princess panwar
विज्ञापन
विज्ञापन
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम कहाँ है?
प्रेम कहाँ है?
आशा शैली
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
Keshav kishor Kumar
अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम
gurudeenverma198
ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी ।
ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी ।
SATPAL CHAUHAN
देश प्रेम की बजे बाँसुरी
देश प्रेम की बजे बाँसुरी
dr rajmati Surana
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
Shweta Soni
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
जिंदगी में पीछे देखोगे तो 'अनुभव' मिलेगा,
Shubham Pandey (S P)
हो माधो
हो माधो
श्रीहर्ष आचार्य
..
..
*प्रणय*
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ଏହି ମିଛ
ଏହି ମିଛ
Otteri Selvakumar
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।
Arvind trivedi
FUN88 là nhà cái uy tín 16 năm tại thị trường cá cược ăn tiề
FUN88 là nhà cái uy tín 16 năm tại thị trường cá cược ăn tiề
Nhà cái Fun88
हमें एकांत में आना होगा यदि हमें सत्य से पूर्ण परिचित होना ह
हमें एकांत में आना होगा यदि हमें सत्य से पूर्ण परिचित होना ह
Ravikesh Jha
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
*हिंदी साहित्य में रामपुर के साहित्यकारों का योगदान*
Ravi Prakash
मुझे अच्छी लगती
मुझे अच्छी लगती
Seema gupta,Alwar
हर इंसान होशियार और समझदार है
हर इंसान होशियार और समझदार है
पूर्वार्थ
साक्षात्कार स्वयं का
साक्षात्कार स्वयं का
Pratibha Pandey
Loading...