दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
*गाली जब होती शुरू, बहस समझिए बंद (कुंडलिया)*
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।