Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2024 · 1 min read

बेटा-बेटी दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ…

एक गगन विस्तार है, एक धरा की शान।
बेटा मेरी जान तो, बेटी मेरा मान।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

2 Likes · 76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Neerja Sharma
नहीं मैं ऐसा नहीं होता
नहीं मैं ऐसा नहीं होता
gurudeenverma198
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
माँ
माँ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
Taj Mohammad
प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां...
प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां...
मनोज कर्ण
हठधर्मिता से रखिए दूरी
हठधर्मिता से रखिए दूरी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
********* हो गया चाँद बासी ********
********* हो गया चाँद बासी ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
समसामायिक दोहे
समसामायिक दोहे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
4846.*पूर्णिका*
4846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रूठ जाना
रूठ जाना
surenderpal vaidya
शमशान घाट
शमशान घाट
Satish Srijan
Labour day
Labour day
अंजनीत निज्जर
वह भी और मैं भी
वह भी और मैं भी
Minal Aggarwal
G
G
*प्रणय*
"कुछ कहना था"
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ अपना उत्थान
सिर्फ अपना उत्थान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चन्द्रघन्टा माँ
चन्द्रघन्टा माँ
Shashi kala vyas
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
चंद दोहा
चंद दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
Shreedhar
*मन अयोध्या हो गया*
*मन अयोध्या हो गया*
ABHA PANDEY
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
Raju Gajbhiye
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
Loading...