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3 Jan 2024 · 1 min read

उसी कन्धे पर

आसमान गिर रहा है
यह सोचकर मुझे लगा
कि उसके बोझ तले
मेरा दम घुट जाएगा

लेकिन कुछ वक्त
गुजर जाने के बाद

मैंने महसूस किया
कि वो आसमान
अब टिक गया है
मेरे अपने कन्धे पर

जिसे अब तक मैं
दुर्बल समझता रहा।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
7 Likes · 5 Comments · 131 Views
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