उम्मीद की बरसात
दरार पड़े मैदान, सख्त -खुरदुरे चट्टान
वो सुखा हुआ आदमी घूरता है आसमान
बादल, बूंद, बरसात से कोस दूर पड़ा रेगिस्तान
सावन में लहरा कर बारिस, भादव में रिमझिम -रिमझिम
सब कुछ सुना है उसने, कैसे भीगते हैं गांव के धान
उसके आंखों में बची है बस उम्मीद की बरसात