तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Knowing others is intelligence; knowing yourself is true wis
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
जय बोलो श्री राधे राधे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
जिन्हें सिखाया तैरना, दरिया में हर बार
सूरतों में ख़ूब होंगी शैख, गो हूर ए जन्नत