इश्क नज़रों के सामने जवां होता है।
अल्फाजों से सब कहां बयां होता है।
इश्क नज़रों के सामने जवां होता है।।1।।
खतों में बातें अल्फाज बन जाती है।
खतों बात में अहसास कहां होता है।।2।।
बस ये कल्बे तमन्ना को बड़ा देता है।
जब दिल में फासला दरम्यां होता है।।3।।
इश्क को सनम की निस्बत चाहिए।
सुना होगा ये आशिक नादां होता है।।4।।
बंदिशे ना लगाओ यूं मोहब्बत पर।
इश्क फासलों से और जवां होता है।।5।।
दिल बेचारा है जुस्तजू का मारा है।
सहरा को भी बारिशे अरमां होता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ