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9 May 2024 · 1 min read

इतिहास हो तुम

चली गई जो छोड़ कर मुझे,
मगर आज भी मेरे पास हो तुम।
मेरी आम सी जिंदगी में,
आज भी सबसे खास हो तुम।

बातें अब नहीं होती तुम्हारी,
मानता हूं मुझसे नाराज़ हो तुम।
मौन हो गया तुम्हारे जाने के बाद,
मगर आज भी दिल की आवाज हो तुम।

बदल गया हूं अब बहुत ज्यादा,
मेरे बदलते अंदाज का इकलैता राज हो तुम।
हजारों ने कोशिश करी हंसाने की पर,
हंसता कैसे जब मेरा इतिहास हो तुम।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

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