इतिहास का सबक़
फिर कोई हिटलर न उभरे
वक़्त की आवाज़ है!
दुनिया का इतिहास हमसे
कर रहा फ़रियाद है!
सियासी नफ़रत के ख़िलाफ़
छेड़नी है एक ज़ंग
हर वह शख़्स सामने आए
जो इससे आज़ाद है!
हमारे मुख़ालिफ़ के पास तो
बंदूक से तलवार तक
लेकिन हमारे हाथ में बस
क़लम और किताब है!
सबके खौफ़ पर टिका हुआ
ज़ुल्मत का निज़ाम ये
लोग डरना उससे छोड़ दें
उसका यही इलाज़ है!
Shekhar Chandra Mitra
#साम्प्रदायिकराजनीति
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