Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2017 · 1 min read

कुछ अजीब से रिश्ते

??ललित छंद??
कुछ अजीब सी ये दुनिया है,
कुछ अजीब से रिश्ते।
कुछ बन जाते दोस्त यहां पे,
तो कुछ बने फरिश्ते।।
कोई याद जख्म के जैसे,
कोई मरहम जैसे।
कहीं दर्द का रिश्ता होता,
कही प्यार के रिश्ते।।

कुछ रिश्ते दिल से जुड़ जाते,
कुछ मतलब के होते।
निभे सात जन्मों के होते ,
विश्वास भरी रिश्ते।।।
कुछ सुलझे अनसुलझे होते,
रिश्तों के ये धागे।
कुछ लम्बे दूरी तक चलते,
पल में टूटे रिश्ते।।

कुछ खून से जुड़े होते हैं,
कुछ इज्जत के होते।
कहीं सूत कच्चे धागे के,
प्रेम – प्यार के रिश्ते।।
हर्ष की शुभकामनाओ से,
जो मन को हुलसाते।
कई रंग में रंगे दिखते,
मेहमान के रिश्ते।।

जो सदा ही मधुर बंधन में,
सबको बाँधे रखते।
बन जाती मधुबन जीवन ये,
मधुर वरदान रिश्ते।।
सभी एक माला के मोती,
इनसे दुनिया चलते।
जो खरीदे से नहीं मिलते,
बड़े अनमोल रिश्ते।।
????—लक्ष्मी सिंह ?☺

339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
"सफलता की चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
नहीं जा सकता....
नहीं जा सकता....
Srishty Bansal
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
नियति
नियति
Shyam Sundar Subramanian
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
अरशद रसूल बदायूंनी
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
गुरु सर्व ज्ञानो का खजाना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
it is not about having a bunch of friends
it is not about having a bunch of friends
पूर्वार्थ
♥️मां ♥️
♥️मां ♥️
Vandna thakur
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
देखते देखते मंज़र बदल गया
देखते देखते मंज़र बदल गया
Atul "Krishn"
💐प्रेम कौतुक-202💐
💐प्रेम कौतुक-202💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक हसीं ख्वाब
एक हसीं ख्वाब
Mamta Rani
ताजा समाचार है?
ताजा समाचार है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
चलो कह भी दो अब जुबां की जुस्तजू ।
शेखर सिंह
" भूलने में उसे तो ज़माने लगे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आदिकवि सरहपा।
आदिकवि सरहपा।
Acharya Rama Nand Mandal
मन की किताब
मन की किताब
Neeraj Agarwal
*रामपुर रियासत के अंतिम राज-ज्योतिषी एवं मुख्य पुरोहित पंडित
*रामपुर रियासत के अंतिम राज-ज्योतिषी एवं मुख्य पुरोहित पंडित
Ravi Prakash
#देश_उठाए_मांग
#देश_उठाए_मांग
*Author प्रणय प्रभात*
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
DrLakshman Jha Parimal
लोग जीते जी भी तो
लोग जीते जी भी तो
Dr fauzia Naseem shad
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sakshi Tripathi
Loading...