इक विश्वास
क्या हुआ जो आज वक़्त नहीं साथ मेरे ,
इक दिन ऐसा आयेगा जब वक़्त साथ चलेगा मेरे ।
हूँ थका पर निराश नहीं ,
छोड़ी मैंने आस नहीं ।
नज़र आ रहा है मुझे वो सुनहरा कल ,
जब बदलेगा मेरे जीवन का हर पल ।
है मन में मुझे विश्वास और आस्था ,
खुलेगा मेरे तक़दीर का रास्ता ।
चला जा रहा हूँ मैं अपने पथ पर ,
हो के सवार कल्पनाओ के रथ पर ।
मिलेगी मुझे मेरी भी मंजिल ,
है मन कि आवाज़ और कहता है दिल ।।