प्यार की भाषा
प्यार के बदले ग़र मिले प्यार की भाषा।
जीवन बदले ऐसे जैसे हीरा हो तराशा।
उल्लासित रहे मन, हो नया सा जीवन
जीवन से दूर बस दूर,भाग जाये निराशा।
प्रेम के दो बोल,कर जाते हैं वो कमाल,
उठे मन में नयी तरंग , मिले नयी आशा ।
ढूंढने से ही मिले,जीवन का क्या है उद्देश्य
प्रेम की वाणी में जिसने, प्रेम को ही तलाशा।
सुरिंदर कौर