इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है
लोभ लालच भरा गुब्बारा है,
काम क्रोध भरा कटोरा है,
मोह माया में डूबा जहाज है,
वह नश्वर खिलौना है,
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है,
प्रकृति का शत्रु है,
इंसान का इंसान भक्षक है,
इंसान का इंसान दुश्मन है,
उसमें कुछ भी स्थायीत्व नहीं है,
वह पल पल बलदता हैं,
कथनी करनी भिन्न भिन्न है,
फिर भी सब प्राणियों में बुद्धिमान कहलाता हैं,
इंसान भी बड़ा अजीब चीज है,
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
: राकेश देवडे़ बिरसावादी