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6 Dec 2021 · 1 min read

इंसानियत से कोसों दूर ..

एक बस एक शक की बिना पर ,
मार डाले १३ मजदूर ।
जो जान हथेली पर रख कर आए थे,
अपने लिए रोटी कमाने इतनी दूर ।
अरे ! बंदूक दागने से पहले जांच पड़ताल ,
तो कर लेते ।
अपनी बेसब्री के हाथों क्यों हुए मजबूर ।
अब उनके परिवारों का क्या होगा?
जिनको अपनी भूल से बेसहारा कर दिया।
फिर सहानुभूति के दो मगरमच्छी आंसू बहाओगे ।
और उनके इंसान लौटने के बदले चंद रुपय ,
फेंक दोगे उनकी लाशों पर ,
और परिजनों के अश्कों और आहोँ पर ।
क्योंकि हमें मालूम है इंसानियत है तुमसे कोसों दूर ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 287 Views
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