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16 May 2023 · 1 min read

(((इंद्रधनुष)))

इंद्रधनुष
// दिनेश एल० “जैहिंद”

देखो……. देखो…….. देखो
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !
रंगों की चटाई-सा, धागों की लटाई-सा
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !
देखो……. देखो…….. देखो
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !

कितना रंग-रंगीला है, बड़ा वो सजीला है ।
कभी वो गरमा गरम, कभी वो बर्फीला है ।।
जाड़ों की रजाई-सा, वृत की गोलाई-सा
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !
देखो…….. देखो……. देखो
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !

कभी हल्का कभी भारी, कभी चरगोला है ।
कभी दो, कभी तीन तो कभी सतगोला है ।।
रूई की धुनाई-सा, बुनकर की बुनाई-सा
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !
देखो…….. देखो……. देखो
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !

हम क्या जाने वो नभ में कैसे दिख जाता ।
कभी आता, कभी जाता, कभी मुस्काता ।।
साड़ी की कढ़ाई-सा, चादर की लंबाई-सा
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !
देखो…….. देखो……. देखो
वो देखो आसमान में निकला इंद्रधनुष !

=============
दिनेश एल० “जैहिंद”
23. 03. 2019

83 Views
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