Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2023 · 1 min read

वो क्या गिरा

उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
वो क्या गिरा आंखें जिसे संभाल ना पायीं ।।
@ नील पदम्

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
मनुष्यता कोमा में
मनुष्यता कोमा में
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैथिली मुक्तक / मैथिली शायरी (Maithili Muktak / Maithili Shayari)
मैथिली मुक्तक / मैथिली शायरी (Maithili Muktak / Maithili Shayari)
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
मैं पागल नहीं कि
मैं पागल नहीं कि
gurudeenverma198
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
हादसे बोल कर नहीं आते
हादसे बोल कर नहीं आते
Dr fauzia Naseem shad
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जब तक नहीं है पास,
जब तक नहीं है पास,
Satish Srijan
मेरा तोता
मेरा तोता
Kanchan Khanna
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
"वो कलाकार"
Dr Meenu Poonia
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
फिर जिंदगी ने दम तोड़ा है
Smriti Singh
उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा
उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा
कवि दीपक बवेजा
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
आश किरण
आश किरण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
भले दिनों की बात
भले दिनों की बात
Sahil Ahmad
14) “जीवन में योग”
14) “जीवन में योग”
Sapna Arora
Loading...