आसान जिंदगी
मेरी ज़िन्दगी की ऐसी कुछ कहानी है,
खुशियाँ रोज़ आँख मिचौली करती हैं
मुझे याद नहीं ऐसा एक भी कोई मंज़र
जिसमे किसी को ना मुझसे शिकायत है।
ऐ दिल! बस अब तू तसल्ली इस बात की रख,
शायद ये दुनिया अब तेरे ना किसी काम की है।
साँसे हैं तो परेशानियां भी होंगी ही सही,
वो कौन–सा दिन रहा जब ज़िन्दगी आसान रही ।।
© अभिषेक पाण्डेय अभि