“आशिकी में”
“आशिकी में”
यादें मिटती नहीं
रह-रह के उसे संजोते रहे
बेवफा आँसू
पलकों को हरदम भिगोते रहे
आशिकी में
मदहोशी का आलम तो देखिए
धूल चेहरे पर थी
हम आईना धोते रहे।
“आशिकी में”
यादें मिटती नहीं
रह-रह के उसे संजोते रहे
बेवफा आँसू
पलकों को हरदम भिगोते रहे
आशिकी में
मदहोशी का आलम तो देखिए
धूल चेहरे पर थी
हम आईना धोते रहे।