“आवारा-मिजाजी”
“आवारा-मिजाजी”
आवारा मिजाजी वही जानता
जिसने जी है परवाने सा
आवारगी में जिन्दगी
शराफत क्या चीज है
बस जंजीरों में जकड़ी हुई साँसें,
कठपुतलियों सा दिल
होती ना जिसमें अहसासें।
“आवारा-मिजाजी”
आवारा मिजाजी वही जानता
जिसने जी है परवाने सा
आवारगी में जिन्दगी
शराफत क्या चीज है
बस जंजीरों में जकड़ी हुई साँसें,
कठपुतलियों सा दिल
होती ना जिसमें अहसासें।