आवारगी के आलम में लड़कपन जानलेवा है
आवारगी के आलम में लड़कपन जानलेवा है
गुमराही के मंजर में बचपन जानलेवा है
किसी से दिल लगाना पर होशो हवास न खोना
मुहब्बत में इस कदर अंधापन जानलेवा है
चींटी और हाथी दोनों इसी जमी पर हैं
कामयाबी का इतना पागलपन जानलेवा है
तितलीयों होशियार रहना फूलों की नीयत पर
खुशबू का ऐसा दीवानापन जानलेवा है
काश ऐसी कोई सुरत बने के वो मेरा महबूब होजाए
वरना मैं तनहा और ये अकेलापन जानलेवा है