Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2021 · 1 min read

आलस्य

ओ आलस! क्यों रोक रहा है मुझे लक्ष्य तक जाने में
तू ही राही की बाधा है मंजिल तक पहुँचाने में
जोश शिथिल तू कर देता है हौसलों को आजमाने में
समझदार सब समझ गए नहीं लाभ तुझे अपनाने में।

– मानसी पाल ‘मन्सू’

Language: Hindi
3 Likes · 377 Views

You may also like these posts

जिंदगी खेत से
जिंदगी खेत से
आकाश महेशपुरी
प्रभु राम नाम का अवलंब
प्रभु राम नाम का अवलंब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दिन गुजर जाता है ये रात ठहर जाती है
दिन गुजर जाता है ये रात ठहर जाती है
VINOD CHAUHAN
माँ बाप बिना जीवन
माँ बाप बिना जीवन
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
कृष्णकांत गुर्जर
2803. *पूर्णिका*
2803. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दीदार"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
Ashwini sharma
खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)
खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
* सागर किनारे *
* सागर किनारे *
भूरचन्द जयपाल
दिलचस्प (लघुकथा)
दिलचस्प (लघुकथा)
Indu Singh
व़ुजूद
व़ुजूद
Shyam Sundar Subramanian
दोहा पंचक. . . . .  अर्थ
दोहा पंचक. . . . . अर्थ
sushil sarna
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
औरत
औरत
MEENU SHARMA
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
bharat gehlot
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
Dr fauzia Naseem shad
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिकवे शिकायत की
शिकवे शिकायत की
Chitra Bisht
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
Bindesh kumar jha
उसके जाने से
उसके जाने से
Shikha Mishra
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
Neeraj Mishra " नीर "
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
gurudeenverma198
.........???
.........???
शेखर सिंह
मायूसियों से भरे चेहरे...!!!!
मायूसियों से भरे चेहरे...!!!!
Jyoti Khari
*पर्वतों की सैर*
*पर्वतों की सैर*
sudhir kumar
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*प्रणय*
Loading...