Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2020 · 1 min read

व़जूद

मैं तो स़हरा -ए – सफ़र का स़राब हूं।
स़फर में ग़ुम जो मिला नहीं,
वो ग़ुमश़ुदा सी तलाश हूं।
मैं गम़े जहाँ की किताब़ हूं ,
के सरापा हुज़्नो मलाल हूं।
ढूंढता क्या है मुझ में ए मेरे हमसफर ,
जो ख़िज़ाँ में डूबी है वो बहार हूं मैं।
दिल मेरा दरिया सही , पर जो खत्म ना हो वो
तिश़नगी हूं मैं।
हय़ाते सफ़र की मैं रोश़नी नहीं ,
शब़े गम़ तीरग़ी की मिस़ाल हूं मै।

8 Likes · 12 Comments · 379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
श्री राम
श्री राम
Kavita Chouhan
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
Ravi Prakash
जमाने से सुनते आये
जमाने से सुनते आये
ruby kumari
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आनंद प्रवीण
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
अक्ल के दुश्मन
अक्ल के दुश्मन
Shekhar Chandra Mitra
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
अभिसप्त गधा
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
सविधान दिवस
सविधान दिवस
Ranjeet kumar patre
नफरतों को भी
नफरतों को भी
Dr fauzia Naseem shad
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
Anil chobisa
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
2836. *पूर्णिका*
2836. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं है
हर मौसम में हर मौसम का हाल बताना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
Sanjay ' शून्य'
सुनो स्त्री,
सुनो स्त्री,
Dheerja Sharma
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
उठो पथिक थक कर हार ना मानो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...