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30 Apr 2020 · 1 min read

आम से बे खास हो गए

कल तक थे वो आम आदमी
अब तो वो भी खास हो गए
कल तक तो सड़कों पर थे
अब वो कुर्सी प्यार हो गए
कल तक करते थे बिरोध
अब तो उनके साथ हो गए
जन आंदोलन से निकल कर
नेताओं के बाप हो गए
वीआईपी की करी बुराई
खुद अब वी वीआईपी हो गए
गाड़ी बंगला सारी सुविधाओं के दास हो गए
मारे मारे फिरते थे वे फटा सा मफलर बांधे
अन्ना के थे दाएं बाएं
थे लोकपाल को लादे
सबज्बाग दिखलाऐ उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने के
गले गले तक डूब गए हाल हैं यही जमाने के
बन गए आम से खास अब विज्ञापन मैं दिखते हैं
है दिल्ली हैरान कि वे अब खासों से मिलते हैं
सकते में है जनतंत्र की बुलबुल
सकते में हैं अन्ना
क्या होगा इस देश का भैया आगे तुम ही गुनना

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 410 Views
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