Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

आबरू

क्या हैं गरीब की इज्ज़त और क्या है आबरू
कभी तो बंधु होइए,इससे भी रु ब रू,
करते अथक श्रम,भरता न पेट पर
अर्जित धान्य सूदखोर,ले जाता समेटकर।
कुछ रईस करते, इज्जत को तार तार,
मर मर कर जीते वे,जिंदगी हरबार।
मेरा बस ये कहना,उन मानवों से आज,
बहाओ पसीना और सुधारो समाज।
नेक काम ऐसे हो,आज से ही शुरू
ताकि बच सकें,हम सबकी आबरू।

रामनारायण कौरव

Language: Hindi
2 Likes · 450 Views
Books from रामनारायण कौरव
View all

You may also like these posts

बांटो, बने रहो
बांटो, बने रहो
Sanjay ' शून्य'
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
Dr MusafiR BaithA
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
" जीत "
Dr. Kishan tandon kranti
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
सत्य कुमार प्रेमी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
ठहरी - ठहरी जिन्दगी,
ठहरी - ठहरी जिन्दगी,
sushil sarna
सारा जीवन बीत गया
सारा जीवन बीत गया
Abhishek Kumar Dubey
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
Kaushal Kishor Bhatt
" सब किमे बदलग्या "
Dr Meenu Poonia
जीते जी पानी नहीं
जीते जी पानी नहीं
Sudhir srivastava
अभिनंदन
अभिनंदन
जगदीश शर्मा सहज
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
Shreedhar
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
..
..
*प्रणय*
नमन साथियों 🙏🌹
नमन साथियों 🙏🌹
Neelofar Khan
"गंगा मैया"
Shakuntla Agarwal
*शर्म-हया*
*शर्म-हया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
*पीड़ा*
*पीड़ा*
Dr. Priya Gupta
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
4718.*पूर्णिका*
4718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत- मेरी आवाज़ बन जाओ...
गीत- मेरी आवाज़ बन जाओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...