Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2023 · 1 min read

आफ़त

ख़ता के खातिर ख़ुदा का सजदा
खानुम की आदत सी है
ज़ालिम पहले जलिल करती है
आज कल जियारत को कहती है।
कल आलिमों सा आलाप की
मेरा आलम ही बदल डाला
जाम जमाल का ही था
पता नही कब ज़हर मिला डाला।
जायज है कि जंग जारी रहे
पर जुर्माना किस बात पे लगा
जलवा तो जश्न का होगा ना
ज़ालिम का तमाचा मुझे क्यों लगा।
आबरु आज दांव पर है
गुस्से से गश्त खा रहे है
आपकी गेसुओं की कसम
नहीं पता कहां जा रहे है।
जनाजा जन्नत को गयी
कफ़न उठा फरमा रही थी
अकेले कहां निकल लिए
मैं भी तो आ रही थी।।
स्वरचित:-सुशील कुमार सिंह “प्रभात”

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 543 Views

You may also like these posts

भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
इन दरकती रेत की दीवारों से,
इन दरकती रेत की दीवारों से,
श्याम सांवरा
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
मरने से पहले
मरने से पहले
Dr MusafiR BaithA
मेरा विचार आपके साथ
मेरा विचार आपके साथ
कृष्णकांत गुर्जर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
मैं सूरज दूर बहुत दूर
मैं सूरज दूर बहुत दूर
Lekh Raj Chauhan
मां (संस्मरण)
मां (संस्मरण)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सबकुछ बिकेगा
सबकुछ बिकेगा
Sonam Puneet Dubey
राष्ट्र धर्म
राष्ट्र धर्म
Dr.Pratibha Prakash
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
Ravi Betulwala
अधिमास
अधिमास
Shweta Soni
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
sushil sarna
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
3680.💐 *पूर्णिका* 💐
3680.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माटी के रंग
माटी के रंग
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जिंदगी है...कट ही जाएगी
जिंदगी है...कट ही जाएगी
Sudhir srivastava
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
इतने बीमार हम नहीं होते ,
इतने बीमार हम नहीं होते ,
Dr fauzia Naseem shad
रोशनी
रोशनी
Neeraj Agarwal
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
Loading...