शे’र/ MUSAFIR BAITHA
आपका मेरे घर आकर जूठन गिराना, भला लगता है दुनिया भर को
आपके चौके में मेरी नो एंट्री है मगर, चेहरा है असली यह आपका।
आपका मेरे घर आकर जूठन गिराना, भला लगता है दुनिया भर को
आपके चौके में मेरी नो एंट्री है मगर, चेहरा है असली यह आपका।