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14 Jul 2020 · 1 min read

— आत्मा से आत्मा का मिलन —

संभव तो नहीं हो सकता
पर संभव करना जरुरी है
जो धड़कन जब एक जान हैं
तो मेरी आत्मा तुझ से कैसे अनजान है

तुझ में समां जाऊं
आकर तेरी आगोश में
रख लेना संभाल कर मुझे
आखिर तेरा ही तो अक्ष जो हूँ

तड़पता रहता है मेरा मन
तेरे ही दीदार को हर पल
वो इक कशिश सी सताती है
क्यूँ कि साँसों में रचा बसा जो हूँ

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 330 Views
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