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24 Mar 2024 · 1 min read

“आत्मावलोकन”

“आत्मावलोकन”
सारे तीरथ घूम कर,
घर आये सिर मुड़ाय;
उर अन्तस झाँके नहीं,
कैसे बैकुण्ठ को जाय।

3 Likes · 3 Comments · 99 Views
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