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13 Nov 2021 · 1 min read

आतिशबाजी(बाल कविता)

बाल कविता : आतिशबाजी
****************************
रामू लाया सात पटाखे
राजू आठ अनार ,
फुलझड़ियों के पैकेट
मीना लेकर आई चार ।।

दीवाली पर आतिशबाजी
आधा घंटा छूटी,
खुशी सभी ने आतिशबाजी
देख-देख कर लूटी ।।

फिर दादाजी बहुत देर तक
बहुत जोर से खाँसे,
लाल हो गया चेहरा उनका
बेदम अच्छे खासे ।।

बच्चे सब घबराए
बोले गलती रही हमारी,
आतिशबाजी बुरी
प्रदूषण की जड़ है यह सारी।

रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘””””

1 Comment · 568 Views
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