Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2023 · 1 min read

उम्र थका नही सकती,

उम्र थका नही सकती,
बुढ़ापे के आने से।
जमाना झुका नही सकती ,
तन के कमजोर पड़ने से।
इरादे टूट नही सकते ,
किसी के कहने मात्र से।
हम तो वो तूफान है ,
जो न कभी रुके थे न कभी रुकेंगे।
…..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

1 Like · 2 Comments · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
........,?
........,?
शेखर सिंह
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुण्डलिया-मणिपुर
कुण्डलिया-मणिपुर
दुष्यन्त 'बाबा'
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
"चरित्र-दर्शन"
Dr. Kishan tandon kranti
व्यक्तिगत न्याय
व्यक्तिगत न्याय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
2704.*पूर्णिका*
2704.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सिर्फ अपना उत्थान
सिर्फ अपना उत्थान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
मछली कब पीती है पानी,
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रंगरेज कहां है
रंगरेज कहां है
Shiva Awasthi
मेरा तोता
मेरा तोता
Kanchan Khanna
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
भूल भूल हुए बैचैन
भूल भूल हुए बैचैन
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
Dr Archana Gupta
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
अच्छी-अच्छी बातें (बाल कविता)
अच्छी-अच्छी बातें (बाल कविता)
Ravi Prakash
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
Loading...