आज हमने सोचा
आज हमने सोचा
कुछ ऐसा लिखे
जिस से खुशी मिले
कोई फूल खिले
कोई रंग
कोई खुशबू
कोई मौसम
खिले….
दिल दिल से मिले….
बहुत दे र से
सोच रहे हैं….
ऐसा क्या हो
जिस के लिखने से
दिल को खुशी हासिल हो जाए…
मुरझाये फूलो
को जिंदगी मिल जाए
दिलों से गम
निकल जाये…..
खुशियों के राज
खुल जाए
अचानक………..
रूह की आवाज़ ने मुझे
चोंका दिया…..
आज के दौर में सब से
मुश्किल यही है……
खुशी किसी के दिल में
नहीं है……..
अगर खुश ख्याली का
ख्याल करना है तो
हर गम को गले
लगान होगा…..
खुदा की जात पर यकीन
रखना होगा….
तुम को शुक्रे_खुदा
हर हाल में अदा करना होगा…..
रोशनी आंख में है
अक्ल का नूर जहन में…
ताकत बज़ुओ में है… तो
बस
ज़ुरुरत है.यकीन की
मंजिल पर पहुचना
है तो
क्यु ना …………….
फिर कुछ कमाल करो
ना कुछ सवाल करो….
ना कुछ मलाल करो……
सुनो…..!!!!
बस खुशी का ख्याल करो…शबीनाज