आज भी हमें प्यार पुराना याद आता है./लवकुश यादव “अज़ल”
अक्सर यादों के परिचय में नाम तुम्हारा याद आता है,
जो बीत गया है बचपन में वो याराना याद आता है।
अरमानों की कश्तियों में सवार थे ख्वाबों के संग,
कैसे कहें आज भी हमें प्यार पुराना याद आता है।।
दर्द की रातों में मोबाइल से तुम्हारा,
प्यार से सर का सहलाना याद आता है।
हर बात पर रूठकर के सालों निभाया,
ऐसा ही एक रिश्ता सालों पुराना याद आता है।।
रात भर का जागना सुबह फिर से उठना,
रास्ते चलते तुम्हारा बातों का तराना याद आता है।
मोबाइल में तुम्हारी तस्वीर देखने का,
अक्सर ही ये दिल बहाना ढूंढ लाता है ।।
सोते हुए ख्वाबों की दुनिया तुम्हारी कैसी होगी,
कभी तुम्हारे ख्वाबों में मैं था शहजादा याद आता है।
अक्सर यादों के परिचय में नाम तुम्हारा याद आता है,
कैसे कहें आज भी हमें प्यार पुराना याद आता है।।
लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश