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7 Aug 2021 · 1 min read

आगाज

यह तुम्हारी हार नहीं, साथियों !
यह तुम्हारी जीत का आगाज है ।
अभी तो बहुत मंजिलें बाकी है ,
अभी तो जाना है सितारों के आगे,
यह तो सफर की शुरुआत है।

यह आंखों में आसूं किसलिए,
और दिलों में गम किसलिए,
तुमने अपनी और से पूरा कोशिश की ,
फिर यह मलाल किसलिए।
इस तरह हौंसले पस्त करके ,
खोनी नहीं तुम्हें अपनी ताकत है।

हमें मालूम है तुमने बहुत साहस है ,
जीतोगी तुम फिर से देखना !
यह हमारा तुम पर विश्वास है।
यह पीतल , कांसा या रजत क्या है?
तुम्हें तो अगली बार पाना गोल्ड है।
मंजिल समझ लो तुम्हारे बिलकुल पास है।
मेहनत तुम्हारी पूंजी और
मेहनत ही तुम्हारी चाहत है।

तुम कुछ भी हारी नही ,
तुमने सारे विश्व का दिल जीता है।
अपनी बहादुरी और तहजीब से ,
हमारे देश का गौरव बढ़ाया है।
तुमने सबका विश्वास जीता है।
तुम्हारे साथ हम सब की मुहोबत है।

खेल में हार जीत तो लगी रहती है ,
प्रतियोगिता परखने के लिए होती है।
यह तो बताती है की सफलता पाने हेतु ,
प्रयास में शायद कोई कमी रह गई ।
ये कमी अगली बार पूर्ण बनाती है।
अब अगली प्रतियोगिता में समझ लो ,
हार से तुम्हारी आखिरी मुलाकात है।

तो चलो ,उठो कमर कसके तैयार हो जाओ,
अपनी जीत का अभी से डंका तुम बजाओ।
कर दो ऐलान अपनी जीत का ,और कहो ,
“गोरों ! तुम सावधान हो जाओ।”
अब की बार तो तुम जीत गए ,मगर ,
अगली बार भविष्य में तुमको खानी हमसे मात है।

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 530 Views
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