“*आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को*”
🍁सत्य सत्य सत्य ऽऽऽऽ
ज़रा बताओ क्या हैं सत्य?
आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को,(१)
धरती-आकाश हैं
सच-झूठ हैं
लाभ-हानि हैं
अच्छा-बुरा हैं सत्य
आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को,(२)
गुण-अवगुण हैं
फूल-काँटे हैं
आस्तिक-नास्तिक हैं
पाप-पुण्य हैं सत्य
आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को,(३)
न्याय-अन्याय हैं
आशा-निराशा हैं
जीवन-मरण हैं
दिन-रात हैं सत्य
आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को,(४)
अमृत-विष हैं
आय-व्यय हैं
आरम्भ-अन्त हैं
आदर-अनादर हैं सत्य
आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को,(५)
देव-दानव हैं
प्रकाश-अंधकार हैं
सही-गलत हैं
आध्यात्मिक-भौतिक हैं सत्य
अब जाने विपरीत शब्द के सत्य अर्थ को।।
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काव्य प्रतियोगता विषय- सत्य की खोज़
मौलिक एवं स्वरचित- डॉ. वैशाली वर्मा✍🏻