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28 Jan 2024 · 1 min read

श्याम लिख दूं

दिन की सुबह और शाम लिख दूँ
ये दिल अब तेरे ही नाम लिख दूँ

मन मंदिर में बसा लूँ तुझे इस कदर
अपनी स्मृतियों में तेरा नाम श्याम लिख दूँ

साँझ की ढलती सूरज में तुम हो
सुबह की ताजगी में प्रणाम लिख दूँ

लंबी मिलों का सफर हो तुम
सफर का तुन्हें विश्राम लिख दूँ

छवि तुम्हारी इतनी प्यारी
तेरा नाम गुलफ़ाम लिख दूँ

ममता रानी
दुमका,झारखंड

Tag: Poem
1 Like · 64 Views
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