मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
There is no fun without you
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
हम भारत के रहने वाले, हमारा भारत महान है।
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Affection couldn't be found in shallow spaces.
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*