अफ़साने
न जाने मुहब्बत में कितने अफ़साने बनते हैं!
शमा जिसको भी जलाये वो परवाने बनते हैं!
हासिल ही करना नहीं होता इश्क़ की मंजिल!
किसी को खोकर भी तो लोग दीवाने बनते हैं!
?-AnoopS. ©
न जाने मुहब्बत में कितने अफ़साने बनते हैं!
शमा जिसको भी जलाये वो परवाने बनते हैं!
हासिल ही करना नहीं होता इश्क़ की मंजिल!
किसी को खोकर भी तो लोग दीवाने बनते हैं!
?-AnoopS. ©